कृष्ण प्रेम -
रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके शरीर पे ये छाले कैसे ?
तब राधा जी ने कहा-
देवी !
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...
वो ज्यदा गरम था !
जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...
और,
उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!
इसलिए कहा जाता है-
बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!
'दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है..!!
रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके शरीर पे ये छाले कैसे ?
तब राधा जी ने कहा-
देवी !
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...
वो ज्यदा गरम था !
जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...
और,
उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!
इसलिए कहा जाता है-
बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!
'दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है..!!
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