बात उस दौर कि जिस दौर में देश के लिए सब एक थे

बात उस दौर कि जिस दौर में देश के लिए  सब एक थे 

धर्म सिर्फ़ एक था राष्ट्रधर्म ,मक़सद सिर्फ़ एक था आज़ादी ,कहानी एक ऐसे मंदिर की जहाँ ना कोई हिंदू है ना मुस्लिम ना सिख ना ईसाई ......भारत माता मंदिर जहाँ सिर्फ़ देश प्रेम है । आनन्द ऑर्गेनाइजेशन फॉर सोशल डेवलपमेंट एन॰जी॰ओ॰ की टीम ने पिछले दिनों   भारत की बेटी' नीरजा भनोत' को समर्पित किया ,जब अानन्द संस्था के सदस्यों को इस मन्दिर के बारे मे पता चला तो वे यह मन्दिर देखने गए ,मन्दिर को देख गर्व महसूस हुआ पर मन्दिर मे एक  कमी महसूस हुई वो कमी थी नीरजा भनोत का स्वरूप न होना, मन्दिर के संस्थापक श्री अरविन्द कुमार जी को मन्दिर मे   कमी के बारे मे बताया तो श्री अरविन्द ने यह कमी को दुर करने का वादा किया ।कुछ दिनो मे अरविन्द जी ने अपनाआ वादा निभाते हुए आनन्द ऑर्गेनाइजेशन फॉर सोशल डेवलपमेंट एन॰जी॰ओ॰ के सदस्यों द्वारा नीरजा भनोत की याद और सम्मान में 'भारत माता मंदिर' में नीरजा भनोत जी का स्वरूप स्थापित करवाया गया । यूँ तो भारत की राजधानी दिल्ली में हज़ारों मंदिर है लेकिन वहीं एक अनूठा मंदिर हमें दिल्ली के दिलशाद गार्डन क्षेत्र में देखने को मिलता है । यहाँ की आश्चर्यचकित करने वाली बात ये है की इस मंदिर में किसी भी देवी या देवता का सर्वरूप स्थापित नही है बल्कि  यहाँ पर शोभायमान है उन सभी  देश भगत और देश प्रेमियों के स्वरुप जिन्होंने हँसते-हँसते देश के लिए अपने प्राणो की आहुति दे दी और गोर्यान्वित रहे । आज जब देश आरक्षण, वाद-विवाद , सहिष्णुता -असहिष्णुता जातिवाद  और धर्म के नाम पर बाँट जा रहा है ' भारत माता मंदिर देश की अखंडता को बनाए रखने में सक्षम भूमिका निभा रहा है , यहाँ का आकर्षण देखते ही बनता है ,जहाँ  एक मंदिर में हिंदू , मुसलमान , सिख , ईसाई , दलित , ब्राह्मण , और यहाँ तक की जिन ब्रिटिश व्यक्तियों ने भारत के निर्माण के योगदान में अहम भूमिका निभाई उनके भी सम्मान में यहाँ  पर स्वरूप स्थापित किया गया है। ये एक गैलरी की बात है, दूसरी गैलरी को जब आप देखते हैं तो और ज़्यादा ख़ुशी मिलती है  इस गैलरी की ख़ासियत ये है कि भारत की आज़ादी में जिन महिलाओं ने ख़ास भूमिका निभाई है उन सभी महिलाओं के यहाँ एक साथ दर्शन किए जा सकते है ,और फिर जब आप थोड़ा और आगे बढ़ते हैं तो आँखें ख़ुशी से झूम उठती हैं और सिर गर्व से उठ जाता है और नज़र पड़ती है , उन शूर वीरों पर जिन्होंने जंग-ए-मैदान में दुश्मन को लोहे के चने चबवा दिए थे , ये ख़ास गैलरी  भारतीय जवानो को समर्पित है  यहाँ आपको एक झलक मिलती है भारत माता के उन सभी बेटों की  जिनको सर्वोच्च ' परमवीर चक्र ' से सम्मानित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस मंदिर के प्रेरणा दायक और संस्थापक श्री अरविंद कुमार गुप्ता जी का यह प्रयास हम सभी को प्रेरणा देता है की , अपनी व्य्स्थ ज़िंदगी में से कुछ पल हमें देश प्रेम को भी समर्पित करने चाहिए , अरविंद जी एक ऐसे मिशन पर काम कर रहें है जिसे सुन कर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा  हो जाएगा , इस मिशन का नाम है मिशन भारत माता जिसके तहत , उन्होंने एक अहम मंत्रालय की माँग सरकार से की , जिसका नाम है 'देश प्रेम प्रचार प्रसार मंत्रालय ' श्री मान अरविंद गुप्ता जी का मानना है कि अगर देश की आज़ादी के समय 1947 में अगर  'देश प्रेम प्रचार प्रसार मंत्रालय ' की नीव रख दी जाती तो शायद हालत कुछ और होते पर दुर्भाग्य वश ऐसा नही हुआ , परंतु अब अरविंद जी अपने मिशन भारत माता के अनुसार  'देश प्रेम प्रचार प्रसार मंत्रालय ' का विधेयक लाकर की रहेंगे और इसके निमित उन्होंने एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है और अभी तक आठ लाख से भी ज़्यादा हस्ताक्षर सभी समुदायों से  उन्हें प्राप्त हो चुके हैं ।

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