असफलताओं से घबराएं नहीं

असफलताओं से घबराएं नहीं


कई व्यक्ति ऐसे भी होते हैं, जो भूतकाल की असफलताओं से सीख लेकर वर्तमान को बेहतर बनाते हैं। पर कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस भूत को हर दम अपने साथ ढोते रहते हैं और अपनी असफलता के कारण ही वे सफलता की आहट को भी पहचान नहीं पाते। 

जिंदगी में सफलता व असफलता मिलने का सिलसिला लगातार चलता रहता है। कुछ लोग असफलताओं को साथ में ढोने के आदी होते हैं और उसका असर उनके वर्तमान पर भी पड़ता रहता है, यानी वे भूतकाल की असफल यादों को वर्तमान में भी याद करते रहते हैं। इस कारण वे वर्तमान में जो भी कार्य कर रहे हैं, उस पर ध्यान केंद्रित ही नहीं कर पाते हैं। असफलता से न उबरने के कारण उनकी कार्यशैली इतनी ज्यादा प्रभावित हो जाती है कि वे न तो स्वयं कार्य करने के लिए उत्साहित रहते हैं और न ही अपने आसपास के लोगों को अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित कर पाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि संपूर्ण वातावरण में से सकारात्मकता कहीं गायब हो जाती है। कई व्यक्ति ऐसे भी होते हैं, जो भूतकाल की असफलताओं से सीख लेकर वर्तमान को बेहतर बनाते हैं। पर कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस भूत को हर दम अपने साथ ढोते रहते हैं और अपनी असफलता के कारण ही वे सफलता की आहट को भी पहचान नहीं पाते। 

एक युवा साथी थे, जिन्होंने जैसे-तैसे विज्ञान विषय के साथ 12वीं पास की थी। उन्हें ऐसा लगता था कि विज्ञान में ही आगे पढ़ाई जारी रखना चाहिए। उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और परिणाम, असफलता हाथ लगी। लगातार दो वर्षों तक वे फेल होते गए, पर उन्होंने विज्ञान विषय का पीछा नहीं छोड़ा। उनकी असफलताओं के बारे में जब भी कोई बात करता, तो वे उसे मानने से इंकार कर देते थे। कुछ समय बाद स्थिति यह हो गई कि वे किसी की भी नहीं सुनते थे। काफी समय बाद जब माता-पिता ने उन्हें समझाया कि चाहो तो विषय बदल लो और फिर मेहनत करो तब उन्हें बात समझ में आई, परंतु विषय बदलने के बाद भी स्थितियां वैसी की वैसी ही रहीं और वे अपनी असफलताओं से उबर ही नहीं पा रहे थे। असफलता उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी और स्थितियां ऐसी आ गईं कि वे अवसादग्रस्त हो गए। परिवार वालों के अलावा दोस्तों ने काफी मेहनत की और उन्हें पुन: सामान्य अवस्था में लाया गया। इसके बाद उन्हें उनकी पसंद की बात पूछी गई तब वे कहने लगे कि उन्हें कला के क्षेत्र में जाना है। सभी ने इसके लिए सहर्ष सहमति दे दी। सफलता मिली और फिर जीवन सामान्य हो पाया। दोस्तो, असफलता का दौर काफी कम समय का होता है और अगर हम उसी को अपने दिमाग में रखें और फिर अपना काम करेंगे तब प्रत्येक काम में हमें असफलता ही नजर आएगी। इस कारण प्रत्येक काम करते समय सफलता को सामने रखते हुए फिर कदम बढ़ाएं।

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