दिल्ली सरकार का नया घोटाला 'मीटर खरीद घोटाला'

दिल्ली सरकार का नया घोटाला 'मीटर खरीद घोटाला' 

850 रुपये के पानी के मीटर 25000 रुपये देने पर भी नहीं मिल रहे हैं ः एसीबी से जाँच की माँग -विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली । नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार और जल बोर्ड के अधिकारियों की कुछ मीटर निर्माता कंपनियों से मिलीभगत के कारण राजधानी में पानी के मीटरों की जबरदस्त कालाबाजारी पर गहरा रोष प्रकट किया है । उन्होंने कहा कि 15 लाख से अधिक जल उपभोक्ता करोड़ों रुपया अधिक कीमत चुकाकर पानी के मीटर भारी दामों पर खरीदने को मजबूर हैं । दिल्ली सरकार इनको अपने यहाँ 31 जुलाई, 2016 तक पानी के मीटर लगवाने के लिए मजबूर कर रही है । श्री गुप्ता ने दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख से माँग की है कि वे इस घोटाले की एफआईआर दर्ज करके मीटरों की कालाबाजारी में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कानूनी कार्यवाही करें । 

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने सभी जल उपभोक्ताओं के घरों में पानी के मीटर लगाने के लिए सिर्फ तीन कंपनियों कोनार्क, बालियान और दशमेश को अधिकृत किया है । जिन उपभोक्ताओं को अपने घरों में पानी के मीटर लगवाने हैं वे सिर्फ इन्हीं कंपनियों के मीटर बाजार से खरीदकर निजी मिस्त्री से अपने घर में मीटर लगवा सकते हैं । सरकार ने जान-बूझकर दिल्ली की सिर्फ 50 दुकानों को अधिकृत किया है, जहाँ से आम जनता उपरोक्त कंपनियों के पानी के मीटर खरीद सकती है । 

सारा घोटाला यहीं से शुरू होता है । उपरोक्त तीनों कंपनियों के पानी के मीटर खरीदने के लिए सरकार ने 8 अप्रैल, 2016 को अखबारों में विज्ञापन दिया था कि आम जनता उपरोक्त कंपनियों के मीटर ही अपने घरों में लगा सकती है । सरकारी विज्ञापन में इन कंपनियों के मीटरों के दाम 1300 रुपये से लेकर 2200 रुपये तक दिखाये गये थे । बाजार में इन तीनों कंपनियों के पानी के मीटरों से कई गुना अधिक गुणवत्ता वाले मीटर 850 रुपये में मौजूद हैं । सिर्फ तीन कंपनियों को फायदा पहुँचाने के लिए जलबोर्ड और दिल्ली सरकार ने इन्हीं को उपभोक्ताओं के लिए अधिकृत किया है । 

इस समय दिल्ली में उपरोक्त तीनों कंपनियों के पानी के मीटर 25,000 रुपये देने पर भी आम उपभोक्ता को नहीं मिल रहे हैं । मीटर व्यापारियों का कहना है कि जिन 50 दुकानदारों को पानी के मीटर बेचने के लिए अधिकृत किया गया है, उनलोगों ने मीटर कंपनियों से थोक में मीटर खरीदकर अंडरग्राउंड कर दिये हैं । जब उपभोक्ता मीटर खरीदने के लिए जाता है तो उसे ‘मीटर समाप्त हो गये हैं‘ कहकर लौटा दिया जाता है । जो उपभोक्ता 25 हजार रुपये से अधिक कीमत चुकाने को तैयार होते हैं, उन्हें चुपके से मीटर दे दिया जाता है । नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि दिल्ली सरकार का यह नया मीटर खरीद घोटाला है । 

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