“एमएसपी' की गारंटी पर अडे किसान- प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एमएसपी गारंटी बिल के लिए कमेटी की मांग करेंगे

नई दिल्‍ली, 22 नवम्बर, (आवाज़ ए हिन्द टाइम्स संवाददाता) । संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन फिलहाल जारी रहेगा। रविवार को यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में लिया गया। भारतीय किसान को आंदेलन यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष बलवोर सिंह राजेवाल और जतिंदर सिंह विरक ने बताया कि 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत बुलाई गई है।

26 नवंबर को काफी किसान आ रहे हैं। 27 को आंदोलन के अगले कदम के बारे में विचार किया जाएगा। राजेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद अब तक सरकार ने बाख तचीत की अपील नहीं की है। प्रधानमंत्री का ऐलान अभी स्वागत के लायक नहीं है, क्योंकि अभी कानून रद्द करने का सिर्फ ऐलान हुआ है। 

जब तक एमएसपी गारंटी बिल नहीं लाया जाता और दूसरी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक स्वागत नहीं किया जाएगा।

अभी कई मसले हैं बाकी - राजेवाल ने आगे कहा कि अभी कई मसले बाकी हैं । इसके लिए प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा जा रहा है। इसमें कुछ मांगें की जाएंगी। इन मांगों में एमएसपी गारंटी बिल के लिए कमेटी बनाई जाए, बिजली शेष बिल को रद्द किया जाए और पराली जलाने के लिए लाए गए कानून को रद्द किया जाए। जब तक इन मांगों को भी नहीं माना जाता, तब तक संघर्ष जारी रखा जाएगा।

आज लखनऊ में किसान महापंचायत होने जा रही है। इसमें यही मांगें की जाएंगी । इसके बाद ही किसान घर लौटेंगे। इसके बाद 26 नवम्बर को आंदोलन का एक साल पूरा होने पर भी काफी संख्या में बॉर्डरों पर किसान जुटेंगे।

तय वक्‍त पर होगा ट्रैक्टर मार्च - किसान संगठनों ने पहले कहा था कि 29 नवम्बर को टीकरी और सिंघु बॉर्डर से 500-500 किसानों के जत्ये ट्रैक्टरों पर भेजे जाएंगे । बैठक में फैसला लिया जया है कि यह कार्यक्रम तय वक्‍त पर होगा। संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में किसान संगठनों के 70 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

वार्ता की टेबल पर आए सरकार - भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने फिलहाल आंदोलन जारी रखने की बात कहते हुए सरकार से बातचीत की मांग की है। राकेश टिकैत ने कहा कि कै हमारी जब सरकार से 11 राउंड की बातचीत हुई थी तो यह तय हुआ था कि एमएसपी और 3 कानून पर अलग से बात होगी।

इसके बाद एक कमिटी बन जाएगी, जो सभी मसलों पर फैसले लेती रहेगी ताकि किसानों को आंदोलन न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अब जब सरकार समाधान की ओर बढ़ी ही है तो फिर वार्ता की टेबल पर आए और बात करे। पीएम मोदी के अचानक संबोधन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें तीन बिलों की वापसी की उम्मीद नहीं थी।

केंद्रीय कैबिनेट 24 नवंबर को तीनों कुषि कानूनों को वापस लेने की मंजूरी पर विचार करेगी। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद कानूनों को वापस लेने वाले बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाएंगे। संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि सरकार इस महीने के आखिर में शुरू होने वाले संसद सत्र में कृषि कानूनों को रद्द कर देगी। इसके साथ ही सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति बनाएंगे।

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